25 अक्टूबर 1951 और 21 फरवरी 1952, भारत के राजनीतिक इतिहास में इन दो तारीखों को याद रखना बेहद जरूरी है। दरअसल, ये चार महीने ही थे जिस दौरान देश पहले लोकसभा चुनाव का गवाह बना। हालांकि, देश हमेशा इतने लंबे चुनावी दौर से नहीं गुजरा। एक समय 1980 का भी था, जब चुनाव महज 4 दिनों में ही संपन्न हो गए। अब जब भारत 2024 में 18वीं लोकसभा चुनने की तैयारी कर रहा है, तो इतिहास के पन्ने पलटना भी अहम हो गया है।
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने शनिवार को तारीखों का ऐलान किया। इसके तहत चुनाव 7 चरणों में होंगे, जिनका आगाज 19 अप्रैल से हो जाएगा और 1 जून तक जारी रहेगा। 4 जून को नतीजे घोषित किए जाएंगे। खास बात है कि यह भारत का दूसरा सबसे लंबा चुनाव है, जो 44 दिनों तक चलेगा।
25 राज्यों में फैली 401 संसदीय क्षेत्रों में लॉजिस्टिक्स से जुड़ी चुनौतियों और मौसम की वजह से पहला लोकसभा चुनाव करीब 4 महीनों तक चला। जब नतीजे घोषित हुए। माना जाता है कि भले ही चुनाव की प्रक्रिया 25 अक्टूबर से शुरू हो गई थी, लेकिन जनता ने जनवरी-फरवरी के दौरान वोटिंग में जनता ने सबसे ज्यादा हिस्सा लिया था।